फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन, हरियाणा विनम्रतापूर्वक उनके ध्यान में लाया कि सरकार द्वारा 30 अप्रैल 2021 तक स्कूलों को बंद करने के लिए जारी किया गया आदेश वर्तमान शिक्षा स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। लगभग एक साल के बाद अब जाकर कोविड-19 के कारण हुए शिक्षा के नुकसान की भरपाई करने हेतु छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और स्कूल लीडरों ने बड़ी आशा के साथ फिज़िकल कक्षाएँ शुरू की। लेकिन फिर से किसी भी मुख्य हितधारक के साथ चर्चा किए बिना स्कूल बंद करने का आदेश जारी करना लोकतांत्रिक नहीं है और यह छात्रों के भविष्य को खराब कर देगा।
मुख्य हितधारक यानि छात्र, अभिभावक, शिक्षक और स्कूल लीडर भी अपनी सुरक्षा के लिए सरकार की तरह समान रूप से चिंतित हैं। लेकिन स्कूलों को बंद करने जैसे सुरक्षा उपायों की पहल केवल नियंत्रण क्षेत्र के लिए होनी चाहिए न कि पूरे राज्य में। सरकार खुद जानती है कि हरियाणा अब उस जोखिम की स्थिति में नहीं है। इसलिए यह आवश्यक है और आपसे अनुरोध भी है कि आप प्रत्येक जिले के स्तर पर महामारी पर विचार करके निर्णय लें।
इसके अलावा हाल के दिशानिर्देशों ने विवाह समारोह में 200 लोगों और शोक सभा में 50 लोगों के होने की अनुमति दे दी है। सरकारी कार्यालय 50% कर्मचारियों के साथ काम कर रहे हैं। फिर स्कूल 50% छात्रों के साथकाम क्यों नहीं कर सकते? अगर स्कूल बंद रहेंगे तो ऐसी स्थित में छात्रों की शिक्षा का बहुत नुकसान होगा।
*1. फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन, हरियाणा लगातार सरकार से अनुरोध कर रही है कि महामारी के कारण आए वित्तीय संकट से निपटने के लिए स्कूलों को प्लेज मनी वापिस करे। लेकिन कई बार अनुरोध करने के बावजूद सरकार इस माँग पर विचार नहीं कर रही है। अगर स्कूलों को उनकी प्लेज मनी मिलती है तो इससे स्कूल अपने शिक्षकों को वेतन दे पाएँगे और पढ़ाई जारी रख पाएँगे।*
*2. हाल ही में तेलंगाना सरकार ने निजी स्कूल के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए ₹2,000 और 25 किलो चावल के राहत पैकेज की घोषणा की। फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार से अनुरोध किया है कि जब तक महामारी की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती वह सभी निजी स्कूल के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए ₹3,000, प्रति माह देकर उन्हें राहत प्रदान करें।*
*3. हम यह भी आपके संज्ञान में लाना चाहेंगे कि शिक्षा क्षेत्र के अंदर स्कूलों का परिवहन विभाग भी इस महामारी की चपेट में है। लाखों ड्राइवर, सफाई कर्मचारी और बस सहायक अब बेरोज़गार हैं। इसके अलावा स्कूल बसें दो साल से नहीं चली हैं इसलिए कृपया परिवहन विभाग को एक निर्देश जारी करें और स्कूल बसों की लाइफ-साइकिल को दो वर्षों तक बढ़ाएँ। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि स्कूल बस कर्मचारियों को उनकी नौकरी वापिस मिलने तक ₹3,000 प्रति माह का बेरोज़गारी भत्ता देने की घोषणा करें।*
*4. जिन अभिभावकों की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से कम है उनको ₹1,000 डिरेक्ट बेनेफिट ट्रांस्फर करने की घोषणा करने का अनुरोध है। हरियाणा में लगभग 80% निजी स्कूल साल में ₹1,000 से कम फीस लेते हैं। अगर सरकार डिरेक्ट बेनेफिट ट्रांस्फर के माध्यम से अभिभावकों की मदद करती है तो वे स्कूलों की फीस का भुगतान कर पाएँगे। यह स्कूलों को अपने कर्मचारियों को वेतन देने में मदद करेगा और इस महामारी के दौरान पढ़ाई जारी रखने में सहायक होगा।*
श्री अनिल विज जी ने प्रतिनिधि मंडल के बातो को सुना और बहुत ही सकारात्मक रुख रखते हुए इन विषयों पर शिक्षामंत्री जी से बात करने को कहा और स्कूलों को राहत प्रदान करने की बात कहा ।
इस प्रतिनिधि मंडल में महासचिव बलदेव सैनी, संरक्षक जिंदल जी, फतेहाबाद जिला अध्यक्ष शैलेन्द्र जी अम्बाला जिला अध्यक्ष आशुतोष गौड़ जी, नारायणगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष विक्रांत जी, सचिव दीपक नारंग जी एवं अन्य साथी उपस्थित थे।