केंद्र की सरकार द्वारा कृषि संबंधी बनाए गए तीन कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का पूर्ण रूप से समर्थन करते हुए इनेलो प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला ने कहा इनेलो हमेशा किसान, मजदूर और कमेरों के हकों की लड़ाई लड़ती आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दिल्ली कूच कर रहे किसान नेताओं की गिरफ्तारी और बॉर्डर को सील करना बेहद निंदनीय है। कृषि संबंधी तीनों कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए इनेलो नेता ने कहा कि प्रजातन्त्र में कोई भी कानून बनता है तो वो जनता एवं संगठनों को ध्यान में रख कर बनाना चाहिए। कृषि कानून बनाने से पहले केंद्र सरकार को किसान संगठनों से बात कर उनकी राय लेनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि इन कानूनों के खिलाफ जब किसानों ने संगठित होकर विरोध शुरू किया तो बजाय उनकी बात को सुनने के सरकार द्वारा प्रदर्शन करने जा रहे किसानों को गिरफ्तार करना प्रजातंत्र में उनके अधिकारों का हनन है। उन्होंने कहा कि अब भी समय है केंद्र सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए किसान संगठनों की बात सुने और उनकी एमएसपी बरकरार रखने एवं इसकी उल्लंघना करने वालों के खिलाफ सजा के प्रावधान जैसी मांगों को पूरा करे।
इनेलो नेता ने कहा कि किसानों के खिलाफ साजिश केवल भाजपा ही नहीं कर रही बल्कि कांग्रेस भी उतनी ही जिम्मेदार है। आज कांग्रेस जो कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ रहे किसानों के समर्थन में घडिय़ाली आंसू बहा रही है। इन कानूनों का ड्राफ्ट कांग्रेस की सरकार ने 2012 में तैयार किया था। उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है जो आज इसका विरोध कर रहे हैं, उस समय दिपेंद्र हुड्डा ने लोकसभा में इन कानूनों की तारीफ की थी। विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा जो इतनी हमदर्दी दिखा रहे हैं वो तो पिछली विधान सभा सत्र में जब इन कानूनों के विरोध में बोलने का मौका मिला था तब सदन से वॅाकआउट कर गऐ थे। हुड्डा का बयान कि वो प्राइवेट बिल लेकर आएंगे बहुत ही गैर जिम्मेदाराना और हास्यास्पद है क्योंकि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान हुड्डा ने कहा था कि वो इन कानूनों के खिलाफ प्राइवेट बिल लाएंगे लेकिन बिल लाने की बजाय खानापूर्ति करते हुए एक प्रस्ताव लाकर इतिश्री कर दी थी।