हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ भाजपा सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिलों को लेकर एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
कुमारी सैलजा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे अपने राज्य हरियाणा में दो पार्टियां भारतीय जनता पार्टी, जिन्हें पूर्ण बहुमत तो मिला नहीं, लेकिन एक पार्टी है जजपा पार्टी और जजपा पार्टी ने चुनाव के समय एक साल भी नहीं बीता है, बहुत सवाल उठाए थे भाजपा पर और जाने क्या-क्या वायदे किए थे। लेकिन जैसे ही चुनाव के नतीजे सामने आए, भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, कहाँ75 पार का नारा था, उस समय सबसे पहले उनकी गोद में जाकर कौन बैठा, जजपा पार्टी। मैं चाहूंगी कि दुष्य़ंत चौटाला जी देखें, वो अपनी आंखे खोलें, मत इंतजार कीजिए, आप कहते हैं कि हम इंतजार करेंगे कि एमएसपी कब बंद होगा, फिर हम अपना सहयोग वापस लेंगे। आज देश आपको देख रहा है, हमारा राज्य, एक-एक हरियाणावासी आपको देख रहा है। दुष्यंत जी, आपने जो ये अनहोली अलायंस किया है, आज जो किसान सड़कों पर मर रहा है, उस पर लाठियां बरसाई जा रही हैं, तब आप कैसे चुप बैठ सकते हैं? कैसे इस सरकार के साथ आप सहयोग कर सकते हैं? हरियाणा का किसान, हरियाणा का मजदूर आपसे सवाल पूछ रहा है, क्या आपको उनकी आवाज, उनका दर्द, उनकी पीड़ा सुनाई नहीं दे रही? जजपा पार्टी, दुष्यंत जी, आप लोगों की आवाज को सुन लीजिए, समय है इस सरकार से,भाजपा की जो किसान विरोधी नीति है, जो ये एमएसपी को खत्म करना चाह रहे हैं, जो हमारे आढतियों और किसान का आपसी रिश्ता है, उसको खत्म करना चाह रहे हैं, जो कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से किसानों को मजदूर बनाना चाहते हैं। केवल ये नहीं बड़े-बड़े घरानों के आगे लोगों को गिरवी रख रहे हैं, किसानों को, मजदूरों को गिरवी रख रहे हैं। आखें खोलिए, कान खोलिए, ये समय है जब किसानों की चीख-पुकार को सुनना पड़ेगा।
कुमारी सैलजा ने कहा कि जो तमाशा हो रहा है, इनके साथी अकाली दल ने ड्रामा रचा है। पहले कुछ बोले नहीं, दिखावा तक नहीं कर पाए, लेकिन जब किसान सड़क पर उतरे, अपनी बात रखी और देशभर में विरोध हुआ, पंजाब में इतना विरोध हुआ तब इन अकालियों ने ड्रामा रचा है और अब एनडीए छोड़ने की बात कर रहे हैं। मैं ये कहना चाहूंगी पर देश में एनडीए के साथ और भी बहुत से सहयोगी दल हैं। हम आह्वान करेंगे कि आप अपनी, गरीबों की, किसानों की आवाज सुनिए। आप अपनी आवाज बंद मत कीजिए, जो देश में उफान उठ रहा है, आप भी बता दीजिए भाजपा सरकार को, इस एनडीए सरकार को कि कल को जब देश में उफान आएगा, तब जवाबदेही उनकी होगी, ना कि उन सहयोगी दलों की। बिहार में आपने देखा कि किसान मजदूर बनकर रह गया है। फिर से जैसा कि हमारी पार्टी, हमारे नेता राहुल जी ने कहा, प्रियंका जी ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का मतलब क्या है - मजदूरी, केवल मजदूरी और बंधक मजदूर, किसानों को बंधक मजदूर बना दिया जाएगा, जैसा बिहार में हुआ है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि आप पिछले अर्से से देख रहे हैं, पिछले दिनों में, हफ्तों में, महीनों में राहुल जी के नेतृत्व में इन तीनों अध्यादेशों का पहले से ही, पहले दिन से ही विरोध किया और उसके बाद लगातार हम किसान के साथ खड़े होकर लड़ाई लड़ रहे हैं, संघर्ष कर रहे हैं। किसानों के सैंकड़ों-सैंकड़ों संगठन देशभर में सड़क पर आए, उन्होंने अपना विरोध जताया, अपनी बात रखनी चाही, लेकिन इस सरकार के कान पर जूं तक ना रेंगी। मैं आपको याद दिलाना चाहूंगी कि कृषि मंत्रालय का पूरा नाम क्या है– कृषि और किसान कल्याण। अब किसान कल्याण का काम ये निजी कंपनियों के हाथों में छोड़ना चाहते हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि ये जो 3 काले कानून ये सरकार बनाने जा रही है, उन पर हम आग्रह करेंगे माननीय राष्ट्रीयपति महोदय जी से कि वो कृपा अपने गरीब किसान,अपने देश के नागरिक की सुनें और उनपर हस्ताक्षर ना करें, ये कानून ना बनें। ये भाजपा पार्टी ने जो फैसला कर लिया है कि देश की अर्थव्यवस्था को, देश के हर सेक्टर को निजी हाथों में बेच दें और निजी हाथ में चंद ऐसे लोग, कॉर्पोरेट के जो साथी हैं, इनकी जान-पहचान के लोग हैं, क्रोनी जो हैं इनके, उनके हाथों में देश को आप बेचने की भूल ना करें। ये देश के साथ, गरीब किसान, गरीब मजदूर के साथ इतना घोर अन्याय नहीं होना चाहिए।
कुमारी सैलजा ने कहा कि गेहूं की, कनक की कीमत केवल 50 रुपए बढ़ी है। अब जो सुनने में आ रही है कि भाजपा सरकार डीएपी और जो खाद है हमारी, उनकी कीमत बढ़ाने जा रही है। डीएपी की कीमत 1200 हो जाएगी, आप समझ लीजिए कि 62 रुपये 62 पैसे के करीब प्रति बोरी की कीमत बढ़ जाएगी। अब आने वाले समय में और एनपीके जो कि 12/16 जो हम कहते हैं खाद उसकी कीमत बढ़ रही है1728 रुपए 57 पैसा प्रति मैट्रिक टन और हर बोरी की कीमत बढ़ जाएगी 86 रुपए 42 पैसे। एनपीके 1175 रुपए प्रति बोरी और डीएपी 1200 रुपए प्रति बोरी हो जाएगा। ये इस तरह के काम जो ये सरकार करेगी, तो हमारा किसान और मजदूर बिल्कुल कंगाली के हालात में आ जाएगा, एमएसपी का भी दिखावा किया जा रहा है, क्योंकि सीजन में अभी किसान सड़क पर आ गया है, तो केवल इस बारे में सीधा दिखावा कर रहे हैं और जो कह रहे हैं कि तीन दिन पहले खरीद शुरु कर देंगे, ये केवल और केवल दिखावा है, इससे ज्यादा कुछ नहीं है। आने वाले समय में इनका असली चेहरा सामने आ जाएगा और ये जो भाजपा पार्टी की सरकार है, मोदी जी की सरकार है, किसान विरोधी, मजदूर विरोधी सरकार है, इनकी असलियत सामने आ जाएगी। हमारी मांग है, कांग्रेस पार्टी की मांग है कि आप ये तीनों काले कानूनों को वापस लीजिए।