विकेश शर्मा
चंडीगढ़ - हरियाणा की वर्तमान मुख्य सचिव, केशनी आनंद अरोड़ा, जो 1983 बैच की आईएएस अधिकारी हैं एवं जो गत वर्ष जुलाई, 2019 में प्रदेश अफसरशाही के सर्वोच्च पद पर आसीन हुईं, की सेवानिवृति इसी माह 30 सितम्बर को होगी. अब यह देखने लायक होगा कि उन्हें अपने वर्तमान पद पर राज्य सरकार की अनुसंशा पर केंद्र द्वारा कुछ माह का एक्सटेंशन (सेवा विस्तार ) प्रदान किया जाता है अथवा नहीं ?
बीते पांच माह से कोरोना-वायरस संक्रमण के फलस्वरूप उत्पन्न हुई परिस्थितियों में हालांकि ऐसी सम्भावना हो सकती है क्योंकि राज्य की मुख्य सचिव संसद द्वारा बनाए गए आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के प्रावधानों के अंतर्गत गठित राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी की प्रदेश कार्यकारी कमेटी की चेयरपर्सन होती हैं एवं राज्यव्यापी आदेश और दिशा-निर्देश उन्हीं के द्वारा जारी किए जाते हैं.
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु एवं सेवानिवृति लाभ) नियमावली, 1958 के नियम क्रमांक 16 (1 ) के दूसरे परन्तुक के अनुसार अगर राज्य सरकार केंद्र को अपने प्रदेश के मुख्य सचिव की एक्सटेंशन के लिए अपनी ठोस सिफारिश भेजे, तो केंद्र सरकार अधिकतम छः माह तक उसे एक्सटेंशन प्रदान करने की स्वीकृति दे सकती है.
लिखने योग्य है कि सात वर्ष पूर्व वर्ष 2013 में हुड्डा सरकार में तत्कालीन मुख्य सचिव पी.के. चौधरी को जुलाई, 2013 से दिसंबर, 2013 तक ऐसी ही छः माह की एक्सटेंशन प्रदान दी गयी थी. हेमंत ने हालांकि बताया कि हरियाणा में सर्वप्रथम वर्ष 1996 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव एमसी गुप्ता को बंसी लाल सरकार के दौरान अगस्त, 1996 से जनवरी , 1997 तक छह माह का सेवा विस्तार दिया गया था. उस समय हालांकि आईएएस अधिकारियों की सेवानिवृति की आयु 58 वर्ष होती थी जिसे बाद में मई, 1998 में 60 वर्ष कर दिया गया था.
वर्ष 2014 में भी प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव शकुंतला जाखू, जो हालांकि 30 सितम्बर, 2014 को रिटायर होने वाली थी परन्तु तत्कालीन हरियाणा विधान सभा आम चुनावो के चलते उन्हें 30 नवंबर, 2014 अर्थात दो माह और अपने पद पर रहने दिया गया था. इसी प्रकार जाखू से पहले एस.सी. चौधरी जो 30 अप्रैल, 2014 को सेवानिवृत होने वाले थे, उन्हें भी तत्कालीन लोक सभा आम चुनावो के चलते तीन माह अर्थात 31 जुलाई, 2014 तक एक्सटेंशन प्राप्त हो गयी थी.
बहरहाल, अगर केशनी अरोड़ा को एक्सटेंशन नहीं मिलती है, तो यह देखने लायक होगा कि राज्य का अगला मुख्य सचिव कौन होगा ?
उन्होंने बताया की प्रदेश के मुख्य सचिव के पद के बाद राज्य ब्यूरोक्रेसी में राजस्व सचिव, जिसे एफ.सी.आर. (फाइनेंसियल कमिश्नर रेवेन्यू- वित्तायुक्त राजस्व ) भी कहा जाता है दूसरा सबसे वरिष्ठम पद है एवं इसी कारण इस पर सामान्यतः स्टेट आईएएस कैडर में दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी को तैनात किया जाता है. वर्तमान में इस पद पर 1985 बैच के विजय वर्धन तैनात हैं जिनके पास गृह सचिव का भी अतिरिक्त कार्यभार है एवं उनकी रिटायरमेंट नवंबर, 2021 में है.
हालांकि वर्धन से ऊपर 1984 बैच के सुनील गुलाटी भी है जो इस समय अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग के पद परहैं परंतु चूंकि इस उन्हें राज्य सरकार द्वारा एफसीआर भी नहीं तैनात किया गया था, अत: उनके मुख्य सचिव बनने की संभावना नगण्य ही है हालांकि उनकी सेवानिवृति अप्रैल, 2021 में है.
हेमंत ने बताया कि 1 नवंबर, 1966 को जब हरियाणा का एक अलग राज्य के रूप में गठन हुआ हो, तो आज तक रहे राज्य के ढाई दर्जन मुख्य सचिवों में सबसे अधिक कार्यकाल एस.डी.भांबरी का रहा था को अक्टूबर,1974 से जनवरी, 1981 तक अर्थात छः वर्ष तीन माह तक इस पद पर बने रहे, इसके बाद राज्य के पहले मुख्य सचिव सरूप कृष्ण है जो हालांकि तीन बार प्रदेश के मुख्य सचिव बने लेकिन उनका कुल कार्यकाल पांच वर्ष नौ माह के लगभग रहा एवं उनके बाद पी.पी. कैपरीहान है जो पांच वर्ष से कुछ दिन ऊपर मुख्य सचिव रहे हैं. गत वर्ष जून, 2019 में रिटायर हुए डीएस ढेसी साढ़े चार वर्षो तक हरियाणा के मुख्य सचिव रहे.