विकेश शर्मा
अम्बाला शहर - हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा गत वर्ष जुलाई, 2019 में अम्बाला सदर जोन को बाहर निकालकर पुनर्गठित की गयी अम्बाला नगर निगम के वार्डो के परिसीमन (वार्डबंदी ) सम्बन्धी फाइनल नोटिफिकेशन कल 31 अगस्त को जारी कर दी गयी है. इस नोटिफिकेशन में नगर निगम के कुल 20 वार्डो का आकार और स्वरुप बिलकुल वैसे ही रखा गया है जैसा कि बीती 13 अगस्त 2020 को जारी उक्त वार्डबंदी संबधी प्रस्तावित नोटिफिकेशन में दर्शाया गया था जिस पर सर्वसाधारण को आक्षेप और सुझाव दर्ज करवाने के लिए दस दिनों का समय दिया गया था जिस दौरान स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने अपनी आपत्ति भी दर्ज करवायी थी. अब इन दस दिनों की समय सीमा की समाप्ति के एक सप्ताह बाद ही बिलकुल प्रस्तावित नोटिफिकेशन का फाइनल नोटिफिकेशन के रूप में जारी होने से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उक्त दर्ज करवायी गयी आपत्तियों को विभाग द्वारा कितनी गंभीरता से लिया गया होगा एवं उन पर कितना विचार-विमर्श हुआ होगा. आम तौर पर प्रस्ताविक और फाइनल नोटिफिकेशन के बीच की समय अवधि एक माह से ऊपर ही होती है. बहरहाल, शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि बीते कल जारी हुई फाइनल नोटिफिकेशन हरियाणा नगर निगम वार्ड परिसीमन नियमावली, 1994 के नियम 10 के अंतर्गत जारी की गयी है. उन्होंने आगे बताया की अब फाइनल वार्डबंदी के बाद अम्बाला नगर निगम के कुल 20 वार्डो में से कौन कौन से वार्ड महिलाओ, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों के लिए आरक्षित होंगे, प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा उनका निर्धारित प्रक्रिया के तहत उनका चयन किया जाएगा एवं उन्हें गजट में अधिसूचित किया जाएगा जिसके बाद प्रदेश सरकार से परामर्श के बाद राज्य चुनाव आयोग द्वारा यहाँ आम चुनाव करवाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जायेगी जिसका आरम्भ स्थानीय मतदाता सूचियों के संशोधन से होगा। हेमंत ने आगे बताया कि अभी बीती 29 जुलाई 2020 को ही अम्बाला नगर निगम के लिए कुल वार्डो की संख्या 20 निर्धारित की दी गयी जिसमे से 7 वार्ड महिलाओं के लिए जिनमे से 2 दो वार्ड अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित, इसके अलावा 5 वार्ड अनुसूचित जाति के एवं 2 वार्ड पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों के लिए आरक्षित किये गए. इस प्रकार कुल 6 वार्ड ही ओपन होंगे अर्थात जिनमे सामान्य वर्ग के पुरुष व्यक्ति चुनाव लड़ सकते है हालांकि इनमें भी महिलाएं और आरक्षित जाति के व्यक्ति अगर चाहे तो सामान्य उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं. उक्त नोटिफिकेशन के अनुसार अम्बाला नगर निगम की कुल जनसँख्या 3 लाख 3 हज़ार 850 है जिसमे से अनुसूचित जाति की जनसंख्या 71 हज़ार 940 दर्शायी गयी है. वहीं अम्बाला सदर नगर परिषद की जनसँख्या 1 लाख 5 हज़ार हैं एवं वहां वार्डो की संख्या बीती 13 मार्च 2020 को 31 निर्धारित की गयी परन्तु छः माह बाद भी वहां प्रस्तावित वार्डबंदी की नोटिफिकेशन भी जारी नहीं हुई जबकि अम्बाला नगर निगम में वार्डबंदी का सारा कार्य बीते एक माह में ही संपन्न हो गया जो की बीते एक वर्ष से लंबित था.
गत वर्ष जुलाई, 2019 में अम्बाला सदर जोन को अम्बाला नगर निगम से बाहर निकाने के बाद - दंडदेहरी, निजामपुर , मानकपुर, लोहगढ़, कालू माज़रा, लिहारसा, घेल कलां, घेल खुर्द, कांवाला एवं कंवाली, देवी नगर और दडियाना अर्थात कुल 12 गाँव, जिनमें 11 ग्राम पंचायतें स्थापित हैं, को नगर निगम में शामिल किया गया ताकि इसका अस्तित्व बचाने के लिए तीन लाख की आबादी पूरी की जा सके. हेमंत ने बताया की उक्त 11 ग्राम पंचायतो के पिछले आम चुनाव आज से साढ़े चार वर्ष पूर्व जनवरी, 2016 में करवाए गए थे, अत: इनका पांच वर्ष का कार्यकाल, जो फरवरी, 2021 तक बनता है, के पूरा होने के बाद ही कानूनन उक्त गांवों में अब नगर निगम के वार्ड के रूप में चुनाव करवाए जा सकते हैं.
हेमंत ने बताया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (ई) के अंतर्गत हर ग्राम पंचायत का कार्यकाल उसके निर्वाचन होकर की गई पहली बैठक से 5 वर्षो तक होता है. कुछ विशेष परिस्थितियों में ही राज्य सरकार द्वारा उसे समयपूर्व भंग किया जा सकता है जिनमें हालांकि उस ग्राम पंचायत को किसी भी शहरी नगर निकाय (नगर पालिका, नगर परिषद या नगर निगम ) में शामिल किया जाना नहीं शामिल है. अगर इसके बावजूद राज्य सरकार प्रदेश के निर्वाचन आयोग के द्वारा उक्त 11 ग्राम पंचायतो का पांच वर्ष का संवैधानिक कार्यकाल पूर्ण होने से पहले उनमें अम्बाला नगर निगम के वार्ड बनाकर चुनाव करवाया जाता है तो इसे कोर्ट में चुनौती दी सकती है. हेमंत ने बताया कि वर्ष 2018 में हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 में संशोधन के बाद अब नगर निगमों के मेयर का चुनाव भी शहर के मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष(सीधे ) रुप से किया जाएगा, न की निर्वाचित हुए पार्षदों द्वारा. इस प्रकार आगामी अम्बाला नगर निगम चुनावो में हर मतदाता चुनावो में दो वोट डालेगा. एक अपने वार्ड के पार्षद के निर्वाचन के लिए एवं दूसरा नगर निगम के मेयर को चुनने के लिए. वर्ष 2017 में अम्बाला नगर निगम के मेयर का पद सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया था हालांकि हेमंत का कहना है इसके बावजूद आरक्षित जाति की महिला भी इस पद के लिए सामान्य उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ सकती है.