चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए प्रवेश शुरू होने से बहुत पहले ही बीए-I में छात्रों को प्रवेश दिया गया है, जबकि चंडीगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित निर्देशों के अनुसार यह दाखिले अभी सोमवार, 17 अगस्त सुबह 9 बजे से शुरू होने हैं। यह आरोप लगाया है चंडीगढ़ के आरटीआई कार्यकर्ता डॉ राजिंदर के सिंगला ने अपनी शिकायत में जो आज चंडीगढ़ के शिक्षा सचिव और पीयू रजिस्ट्रार को ईमेल द्वारा भेजी गई है।
चंडीगढ़ के सभी कालेजों, चाहे वह सरकारी हों या सरकारी अनुदान प्राप्त प्राइवेट कालेज, बीए -1 में छात्रों के प्रवेश की अनुसूची चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जारी की गई है, जिसे उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। तदनुसार, यह दाखिले 17 अगस्त सुबह 9 बजे से शुरू होंगे, जिसके पश्चात छात्र अपनी मेरिट अनुसार पसंद के कॉलेजों को चुन सकते हैं, और वहां शुल्क जमा कर सकते हैं। अधिकांश इच्छुक उम्मीदवारों को निजी सहायता प्राप्त कालेजों की बजाय सरकारी कॉलेजों को पसंद किए जाने की संभावना है, क्योंकि सरकारी कॉलेजों की तुलना में प्राइवेट कालेजों का वार्षिक शुल्क लगभग दोगुना है। सिंगला ने आरोप लगाया है कि दाखिले प्रारंभ होने से पहले ही छात्रों को फसाने के उद्देश्य से, चंडीगढ़ के सेक्टर 10 व सेक्टर 36 में स्थित दोनों डीएवी कालेजों ने उन्हें दाखिला देकर उनकी ऑनलाइन फीस भी ले ली है।अपनी आँखों से दस्तावेजी सबूत देखने का दावा करते हुए सिंगला का कहना है कि इस से भी अधिक दिलचस्प बात यह है कि मेरिट लिस्ट को सार्वजनिक किए बिना ही यह दाखिले किए गए हैं। चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सार्वजनिक तौर पर घोषित बीए- I में प्रवेश के लिए अंतिम तिथि 7 अगस्त थी, जबकि सेक्टर 10 के डीएवी कालेज में इसके पश्चात भी कुछ चहेते लोगों की सिफारिश पर ऑनलाइन आवेदन स्वीकार किए गए हैं। जिस चंडीगढ़ प्रशासन से यह कॉलेज 95 प्रतिशत सरकारी सहायता प्राप्त करते हैं, उनके ही निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। शिकायतकर्ता का दावा है कि अगर डीएवी कॉलेजों के प्रधानाचार्यों से इस बात का हलफनामा लिया जाए कि उन्होंने निर्धारित तिथि से पहले किसी छात्र को दाखिला नहीं दिया है, और फिर 17 अगस्त से पहले बीए- I के लिए कॉलेज द्वारा प्राप्त ऑनलाइन शुल्क की जांच करवाई जाए तो जल्दी ही इस घोटाले का खुलासा और इसमें शामिल अपराधियों को बेनकाब किया जा सकता है। सिंगला ने अपनी शिकायत, जिनकी प्रतियां कुलाधिपति, एमएचआरडी, यूजीसी, सीएजी, सीवीसी, सीबीआई, को भी ईमेल की गई हैं, में चंडीगढ़ के शिक्षा सचिव तथा पीयू के रजिस्ट्रार से दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है।