विकेश शर्मा
अम्बाला शहर - हरियाणा सरकार के शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा 29 जुलाई 2020 को एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर गत वर्ष जुलाई, 2019 में अम्बाला सदर जोन को बाहर निकालकर पुनर्गठित की गयी अम्बाला नगर निगम के लिए कुल वार्डो की संख्या निर्धारित कर दी गयी है.अम्बाला निवासी हाईकोर्ट के एडवोकेट और कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने विभाग द्वारा जारी उक्त नोटिफिकेशन का अध्ययन करने के बाद बताया कि हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 की धारा 11 के सम्बंधित उप-धाराओं के अंतर्गत और हरियाणा नगर निगम वार्ड परिसीमन नियमावली, 1994 के नियम 3 के तहत जारी उक्त नोटिफिकेशन के अनुसार अम्बाला नगर निगम में कुल 20 वार्ड होंगे जिनमे से 7 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे जिनमे से 2 दो वार्ड अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे, इसके अलावा 5 वार्ड अनुसूचित जाति के एवं 2 वार्ड पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों के लिए आरक्षित होंगे. इस प्रकार कुल 6 वार्ड ही ओपन होंगे अर्थात जिनमे सामान्य वर्ग के पुरुष व्यक्ति चुनाव लड़ सकते है हालांकि इनमें भी महिलाएं और आरक्षित जाति के व्यक्ति अगर चाहे तो सामान्य उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं. उक्त नोटिफिकेशन के अनुसार अम्बाला नगर निगम में मौके की आबादी के आंकड़ों के आधार पर (स्पॉट फिगर्स ) कुल जनसँख्या 3 लाख 3 हज़ार 850 है जिसमे से अनुसूचित जाति की जनसंख्या 71 हज़ार 940 दर्शायी गयी है. गौरतलब है कि हरियाणा में नगर निगम के लिए न्यूनतम तीन लाख की जनसँख्या होना कानूनन आवश्यक है. इसी कारण ही गत वर्ष अम्बाला सदर जोन को नगर निगम से बाहर निकाने के बाद - दंडदेहरी, निजामपुर , मानकपुर, लोहगढ़, कालू माज़रा, लिहारसा, घेल कलां, घेल खुर्द, कांवाला एवं कंवाली, देवी नगर और दडियाना अर्थात कुल 12 गाँव, जिनमें 11 ग्राम पंचायतें स्थापित हैं, को अम्बाला नगर निगम में शामिल किया गया ताकि इसका अस्तित्व बचाने के लिए तीन लाख की आबादी पूरी की सकते. पांच माह पहले मार्च, 2020 में अम्बाला सदर (कैंट/छावनी ) नगर परिषद में 31 वार्ड निर्धारित किये गए एवं जनसँख्या 1 लाख 5 हज़ार दर्शायी गयी.बहरहाल अब अम्बाला नगर निगम के कुल 20 वार्डो की संख्या निर्धारित एवं नोटिफाई होने के बाद अब इन वार्डो के परिसीमन (वार्डबंदी) की कवायद आरम्भ होगी एवं इसके बाद उक्त सभी वार्डो की सीमा निर्धारित कर उनका ड्राफ्ट (प्रारूप) एक गजट नोटिफिकेशन में प्रकाशित किया जाएगा जैसे की वार्डो के परिसीमन के उपयुक्त नियमो के अनुसार करना आवश्यक है जिसमें जनसाधारण को नोटिस दिया जाएगा की अगर किसी व्यक्ति तो इन पर कोई आक्षेप (आपत्ति) या सुझाव देना है तो वह अम्बाला के डी.सी. (उपायुक्त ) के माध्यम से शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रशासनिक सचिव या विभाग के महानिदेशक को इस ड्राफ्ट वार्डबंदी के प्रकाशन के 10 दिन के भीतर दे सकता है जिनपर पर विचार करने के बाद वार्डो का फाइनल परिसीमन (वार्डबंदी ) नोटिफाई किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया की इसके बाद कुल 20 वार्डो में से कौन कौन से वार्ड महिलाओ, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों के लिए आरक्षित होने, उनका चयन ड्रा के द्वारा किया जाएगा एवं उन्हें अधिसूचित किया जाएगा जिसके बाद चुनाव की प्रक्रिया राज्य चुनाव आयोग द्वारा प्रारम्भ कर दी जायेगी. तमाम प्रक्रिया पूरी होने में अभी कम से कम छ: महीने तक का समय और लग सकता है.हेमंत ने बताया की वर्ष 2018 में हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 में संशोधन के बाद अब नगर निगमों के मेयर का चुनाव भी शहर के मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रुप से किया जाएगा, न की निर्वाचित हुए पार्षदों द्वारा. इस प्रकार आगामी अम्बाला नगर निगम चुनावो में हर मतदाता चुनावो में दो वोट डालेगा. एक अपने वार्ड के पार्षद के निर्वाचन के लिए एवं दूसरा नगर निगम के मेयर के चुनाव के लिए. वर्ष 2017 में अम्बाला नगर निगम के मेयर का पद सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया था हालांकि हेमंत का कहना है इसके बावजूद आरक्षित जाति की महिला भी इस पद के लिए चुनाव लड़ सकती है.