हरियाणा के पर्यटन मंत्री श्री कंवर पाल ने बताया कि सरकार सरस्वती नदी के जीर्णोद्घार के लिए गंभीर रूप से पर्यासरत है। सरस्वती नदी के किनारे स्थित गांवों से बहकर नदी में आने वाले प्रदूषित पानी को साफ करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। इसके लिए यमुनानगर व कुरूक्षेत्र जिलों में सीचेंवाल-मॉडल पर 25 ‘तरल अपशिष्टï प्रबंधन’ सिस्टम लगाए जा रहे हैं।
पर्यटन मंत्री ने यह जानकारी आज यहां ‘सरस्वती हैरिटेज डिवलेपमैंट बोर्ड’ के विभिन्न प्रोजेक्टस की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद दी। इस अवसर पर पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खंडेलवाल, सरस्वती हैरिटेज डिवलेपमैंट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री विजयेंद्र कुमार के अलावा कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पर्यटन मंत्री श्री कंवर पाल ने बताया कि राज्य सरकार ने सरस्वती नदी के जीर्णोद्घार के लिए हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश की राज्य-सीमा पर स्थित सोम नदी पर एक बांध बनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस बांध के निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र दे दिया है तथा अब सिंचाई विभाग ने केंद्रीय जल आयोग के पास बांध के डिजाइन के लिए केस भेज दिया है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने यह भी बताया कि आदि बद्री के स्थान पर सोम नदी के नीचे की ओर एक बैराज भी प्रस्तावित किया गया है जिससे भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से गांव रामपुर हेरिया, रामपुर कांबियान और छिल्लौर में सरस्वती जलाशय में जल प्रवाह होगा।
बैठक में पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को ‘सरस्वती हैरिटेज डिवलेपमैंट बोर्ड’ के विभिन्न प्रोजेक्टस पर चल रहे कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।