1 सभी स्कूलों को आगे से प्रवेश शुल्क लेने का अधिकार होगा ।
2 सभी स्कूल चाहे उन्हीने लॉक डाउन काल में ऑनलाइन क्लास चलाई हो या नही ट्यूशन फीस लेने का अधिकारी होगा । पर जो स्कूल ऑनलाइन क्लास चला रहे है वो चलाते रहेंगे ।
3 स्कूलों को अधिकार होगा की lockdown काल में जो भी उनका वास्तविक खर्च हुआ हो चाहे वो ट्रांसपोर्ट पर हुआ हो या बिल्डिंग पर वो पेरेंट्स से लेने का अधिकारी होगा । स्कूल का जिस सुविधाओं पर खर्च नही हुआ है उसको वसूल करने का अधिकार नही होगा ।वार्षिक शुल्क बाकी अवधि का स्कूलों को लेने का अधिकार होगा ।
4 फीस नही बढ़ाई जाएगी इस वर्ष 2019 20 की ही फीस लागू होगी ।
5 जो अभिवावक फीस देने में असक्षम है वो स्कूल मैनेजमेंट से संपर्क कर फीस माफी की डिमांड कर सकता है ।अगर स्कूल के निर्माय से सुखी न हो तो रेगुलेटर बॉडी को संपर्क कर सकता है जिसका गठन फीस एक्ट के तहत हुआ है ।अभिवावक गलत दस्तावेज नही प्रेषित करेगा छूट के क्लेम में ।
6 अभिवावक कोई और शिकायत के लिए फीस एक्ट के तहत कार्यवाही कर सकते है ।
7 अगर कोई स्कूल बहुत ज्यादा आर्थिक परेशानी में है और फीस बढ़ाना उसकी मजबूरी है तो वो deo को पत्र प्रेषित कर अनुमति ले सकेगा ।
फीस के मामले में आज आय इस आदेश से स्कूलों और अभिवावकों को बहुत राहत मिलने की आशा है ।अब राजस्थान हाई कोर्ट में लंबित याचिका का क्या निर्णय होता है यह देखना है ।