COURTESY DAINIK BHASKER NOV22
सिंचाई विभाग ने कराेड़ाें की लागत से कौशल्या डैम का निर्माण करवाया था
प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार में करीब सात साल पहले सिंचाई विभाग की अाेर से कराेड़ाें की लागत से कौशल्या डैम का निर्माण करवाया गया था। इससे पंचकूला को पीने के पानी की सप्लाई की जा रही है। लेकिन सिंचाई विभाग व नगर निगम डैम के पास नदी में हो रहे शामलात अवैध कब्जों से या तो अंजान हैं या फिर इसे उठाने की जहमत नहीं उठा पा रहा। डैम के पास नदी में बनी झुग्गी झोपड़ियों से डैम का पानी तो गंदा हो ही रहा है, साथ ही आपराधिक घटनाएं बढ़ने का अंदेशा बना है।
झोपड़ियों में रहने वाले लोग शौच के लिए नदी किनारे जाते हैं, जिससे डैम में जाने वाला पानी प्रदूषित तो होता ही है। पहले भी बरसाती मौसम में कौशल्या नदी में कई हादसे हो चुके हैं। वही, इसके साथ-साथ निगम की सरकारी जमीन पर भी कब्जे हो जाते हैं जिसे बाद में हटाना मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही शहर में निगम की विभिन्न जगहों पर झोपड़ियां बनी देखी जा सकती हैं, लेकिन निगम प्रशासन आखें मूंद बैठा है। लोगों ने प्रशासन से अवैध कब्जों को जल्द से जल्द उठाने की मांग की है। हैरानी की बात है कि निगम की सरकारी जमीन पर इन झुग्गियों में बिजली की सप्लाई भी मिली हुई है। सरकारी जमीन पर ही सरकारी सुविधाओं से लैस झुग्गियों काे तो निगम प्रशासन उठाने की हिम्मत भी जुटा नहीं पा रहा।
: लोग बोले-शराब पीकर करते रहते हैं हंगामा
झुग्गियों में रहने वाले कुछ लोग अपने राशन कार्ड होने का भी दावा करते हैं और नगर निगम के चुनाव में वोट डालने की भी बात करते हैं। झुग्गियों में रहने वाले लोगों का पुलिस के पास भी कोई रिकाॅर्ड नहीं है। इससे क्षेत्र में क्राइम भी बढ़ता है। इसके अलावा पिंजौर निगम क्षेत्र में आबादी के अन्दर बहुत से ऐसे खाली प्लाॅट हैं, जहां पर उनके मालिकों ने मजदूरों को झुग्गियां बना कर रहने के लिए दे रखी हैं। इसके बदले में वे हर महीने उनसे किराया भी वसूल करते हैं, इससे आसपास रहने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। राजीव शुक्ला, रमेश चोपड़ा, हरमहिन्द्र सिंह आदि ने बताया कि इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों के कारण उनके आसपास का माहौल खराब हो रहा है। उनके बच्चे जहां देखो वो खुले में ही शौच करते हुए देखे जा सकते हैं, इसके अलावा आसपास गन्दगी तो फैल ही रही है, रात के समय शराब पीकर वे हगांमा करते हैं। उनके बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। लोगों ने निगम प्रशासन को आबादी से दूर इन झुग्गियों को शिफ्ट करने का मांग की।