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कानून लागू होने के बाद निकली वैकेंसी में सामने आए तमाम नियम और शर्तें
केवल कटऑफ में ही मिलेगी छूट
Narendra.Mishra@timesgroup.com
• नई दिल्ली : आर्थिक आधार पर आरक्षण चाहनेवालों को सरकारी नौकरियों की परीक्षा में बैठने के लिए उम्र सीमा में छूट नहीं मिलेगी। इस कानून के लागू होने के बाद निकली पहली सरकारी नियुक्ति के लिए भरे जानेवाले परीक्षा फॉर्म में शामिल नियम और शर्तों से यह बात सामने आई है।स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से 2 फरवरी को जूनियर इंजिनियर के पांच हजार पदों के लिए होने वाली परीक्षा में पहली बार इस आरक्षण को लागू किया गया है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि उम्र छूट का लाभ आरक्षण की नई कैटिगरी में नहीं है। इसके अनुसार एससी-एसटी कैटिगरी को उम्र में 5 साल और ओबीसी को 3 साल की छूट मिली हुई है। वहीं विकलांग अभ्यर्थी को 10 साल की छूट है।
हालांकि आरक्षण का लाभ कटऑफ मार्क्स में जरूर मिला है। जूनियर इंजिनियर के लिए आयोजित इस परीक्षा में जहां जनरल कैटिगरी के लिए न्यूनतम कटऑफ मार्क्स 30 फीसदी रखा हुआ है, वहीं ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए 25 फीसदी, जबकि एससी और एसटी कैंडिडेट के लिए 20 फीसदी रखा गया है। सूत्रों के अनुसार आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण का फॉरमेट इसी पैटर्न पर दूसरी परीक्षाओं में भी लागू होगा।
मालूम हो कि 10 जनवरी को संसद से आर्थिक रूप से कमजोर को आरक्षण देने का संविधान संशोधन बिल पास हुआ था और मोदी सरकार ने 19 जनवरी को अादेश जारी कर 1 फरवरी के बाद होने वाली सभी परीक्षा और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में इसे लागू करने का गाइडलाइंस जारी कर दी थी। 10 फीसदी आरक्षण देने का कानून लागू होने के बाद अनुसार आम चुनाव तक एसएससी और यूपीएससी की ओर से लगभग 20 हजार पदों के लिए परीक्षा फॉर्म भरे जाने हैं। इन सभी परीक्षा फॉर्म में आरक्षण का नया सिस्टम लागू होगा। हालांकि इस साल मेडिकल और इंजिनियरिंग की परीक्षा फार्म भरे जा चुके हैं। आईआईटी में नए सिस्टम के तहत कम से कम 1200 सीट बढ़ानी है। साथ ही मेडिकल कॉलेज में सीट बढ़ाने के लिए जरूरी संसधन बढ़ाने होंगे।