COURTESY DAINIK BHASKAR JAN 10भतीजे ने जाली दस्तावेज बनवा 90 लाख में बेच दी थी स्वतंत्रता सेनानी की 25 कराेड़ की जमीन
हिसार के बीड़ में मिली थी साढ़े 12 एकड़ जमीन, मुख्तयारनामा कराने को पेश किए फर्जी लोग
स्वतंत्रता सेनानी की साढ़े 12 एकड़ जमीन परिवार के ही एक सदस्य ने तहसील में फर्जी मुख्तयार नामा करवाकर धोखाधड़ी से बिक्री कर दी थी। पुलिस ने मामले के मुख्य आरोपी समेत चार सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है।
मामले में शामिल अन्य आरोपियों की पुलिस अभी तलाश कर रही है। एसपी गंगाराम पूनिया के निर्देश पर पुलिस की इकाेनाॅमिक सेल मामले की जांच कर रही है। मामले में जमीन के फर्जी कागजात तैयार करने वाले व तहसील कार्यालय के कर्मचारी भी संदेह के घेरे में। गांव चांग निवासी रामधन आजाद हिंद फौज के सिपाही थे। सरकार ने रामधन के नाम पर उसकी मां हरबाई को हिसार के बीड़ में साढ़े 12 एकड़ जमीन दी थी। हरबाई के मरने के बाद जमीन उसकी बेटी समुंदी व दया के अलावा रामधन के भाई एवं हरबाई के बेटे शिवधन, बनारसी, प्यारेलाल तथा मौजीराम के नाम हो गई।
करोड़ों रुपये की यह जमीन मौजूदा समय में हरबाई की दो बेटियों व चार बेटों की 30 संतानों के हिस्से में हंै। ऐसे में जमीन के कई हिस्सों में बंटता देख शिवधन के बेटे रामबाबू के मन में खोट आ गया। रामबाबू ने तिगड़ाना निवासी राजकुमार उर्फ बबली, रेवाड़ी खेड़ा निवासी मनबीर व मालपोश निवासी मुकेश व अन्य के साथ मिलकर पूरी जमीन हड़पने की योजना बनाई। रामबाबू ने यह जमीन हिसार के सरदार गुलजार सिंह व रामौतार गुर्जर को 90 लाख रुपये में बेच दिया। पुलिस जांच में सामने आया कि परिवार के सदस्य जमीन के मुख्तयार नामा के लिए कभी तहसील में गए ही नहीं। जबकि मुख्तयार नामा में उनके हस्ताक्षर थे। परिवार के सदस्यों के आधार कार्ड व कागजों की जांच की तो वे फर्जी पाए गए। पुलिस को शक हुआ कि परिवार के किसी सदस्य के शामिल हुए बिना कोई इस तरह की कार्रवाई को अंजाम नहीं दे सकता है। इस पर पुलिस ने शिकायतकर्ता रामबाबू से ही सख्ती से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ।
तहसील कार्यालय के कर्मचारी भी हो सकते हैं फर्जीवाड़े में शामिल
इकाेनाॅमिक सेल के इंचार्ज राजबीर सिवाच ने बताया कि रामधन के भतीजे रामबाबू ने पूरी जमीन हड़पने के लिए पूरे परिवार के सदस्यों की जगह फर्जी लोगों को तहसील कार्यालय पेश कर जमीन का मुख्तारनामा करवाया। इसके लिए सभी लोगों को आधार कार्ड व राशन कार्ड सहित सभी कागजात फर्जी तैयार करवाए गए थे, जिनमें मुकेश, प्रेम व अनूप के अलावा अन्य लोग भी शामिल हैं। पुलिस ने फिलहाल रामबाबू, मुकेश, प्रेम व अनूप को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उन लोगों की भी तलाश कर रही है जो फर्जी रूप से तहसील अधिकारियों के सामने पेश हुए थे। फर्जी कागजात तैयार करने वाले व तहसील कार्यालय के कुछ कर्मचारी भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं। राजबीर सिवाच ने बताया कि मामले की जांच जारी है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आरोपी ने खुद दी थी पुलिस को शिकायत
शिवधन की बेटी सुमन व खुद रामबाबू ने एसपी गंगाराम पूनिया को इस पूरे मामले की शिकायत देकर जांच की मांग की। पुलिस ने 21 सितंबर 2018 को जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर जमीन बिक्री करने पर रेवाड़ी खेड़ा निवासी मनबीर, तिगड़ाना निवासी राजकुमार, राजकुमार का साला, कलिंगा निवासी रामबती व एक महिला व एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस की जांच में सामने आया कि जमीन के फर्जी कागजात तैयार करवाने में खुद हरबाई के पुत्र रामबाबू का ही हाथ है। रामबाबू ने ही परिवार के सदस्यों की जगह अपने परिचित सदस्यों को तहसील कार्यालय में अधिकारी के सामने खड़ा कर जमीन का मुख्तयार नामा करवाकर लगभग 90 लाख रुपये में साढ़े 12 किले जमीन बिक्री कर दी।
भिवानी.पुलिस की गिरफ्त में धोखाधड़ी कर स्वतंत्रता सेनानी की जमीन बिक्री करने के आरोपी।