Thursday, March 28, 2024
Follow us on
BREAKING NEWS
सीएम केजरीवाल की ईडी रिमांड 1 अप्रैल तक बढ़ीजहां-जहां पानी की कमी है, उसकी आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे:अभय यादवउत्तराखंड: नानकमत्ता में डेरा कारसेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्याकेंद्र सरकार ने मनरेगा से जुड़े संशोधन का नोटिफिकेशन जारी किया, बढ़ेगी मजदूरीउत्तराखंड: नानकमत्ता गुरुद्वारा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह के मर्डर की जांच के लिए SIT गठितCM केजरीवाल के लिए 7 दिन की अतिरिक्त हिरासत की मांग करेगी EDहरियाणा मुख्यमंत्री नायब सैनी करनाल विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी घोषितअंबाला सबजोन निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी का 6 दशकों के त्याग तपस्या पश्चात् हुआ देहावसान
Dharam Karam

हरियाली तीज विशेष, जानें तीज की कुछ खास बातें

July 25, 2017 04:28 PM

पुराणों की कथा के अनुसार सावन महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि के दिन भगवान शिव ने देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिया और साथ ही अपनी पत्नी बनाने का भी वरदान दिया। शिव के वरदान से देवी पार्वती के मन में हरियाली छाई गई और वह आनंद से झूम उठीं इसलिए इस तृतीया तिथि को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। दूसरी ओर सावन में प्रकृति हरे रंग का चादर ओढे रहती है इसलिए भी सावह की तृतीया को हरियाली और कज्जली तीज के नाम से पुकारते हैं।इस वर्ष यह तीज 26 जुलाई बुधवार को है। इस दिन तृतीया तिथि सुबह 9 बजकर 57 मिनट से रात 8 बजकर 8 मिनट तक है। इसलिए तीज के विधिविधान इसी समय किए जाएंगे। भविष्यपुराण में उल्लेख किया गया है कि तृतीय के व्रत और पूजन से सुहागन स्त्रियों का सौभाग्य बढ़ता है और कुंवारी कन्याओं के विवाह का योग प्रबल होकर मनोनुकूल वर प्राप्त होता है।ऐसी कथा है कि भगवान शिव ने देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर नारी जाति को यह वरदान दिया है कि जो भी कुंवारी कन्याएं और सुहागन स्त्रियां तृतीय तिथि को देवी पार्वती के साथ शिव की पूजा करेंगी उनका दाम्पत्य जीवन खुशहाल होगा।हरियाली तीज के मौके पर नई नवेली दुल्हन के मायके से नए वस्त्र, सुहाग सामग्री, मेंहदी और मिठाई आने की परंपरा रही है। माना जाता है कि यह मायके की ओर से दुल्हनों के लिए सुहाग का आशीर्वाद होता है। पूर्वजन्म में जब देवी पार्वती का सती रूप में अवतार हुआ था तब शिव से विवाह कर लेने के कारण माता-पिता ने इन्हें त्याग दिया था। पार्वती रूप में जब देवी का जन्म हुआ तो माता-पिता ने अपनी भूल सुधारने के लिए देवी को सुहाग सामग्री भेजा था। इस कारण से हरियाली तीज में इस तरह की परंपरा चली आ रही है।हर व्रत की तरह हरियाली तीज के भी कुछ नियम हैं। इस व्रत में मायके से जो सुहाग सामग्री आती है उससे सुहागन ऋंगार करती हैं इसके बाद बालूका से बने शिवलिंग की पूजा की जाती है। इसका कारण यह है कि देवी पार्वती ने वन में बालूका से ही शिवलिंग बनाकर उनकी तपस्या की थी। इस व्रत में तीन चीजों का त्याग जरूरी माना गया है- पति से छल-कपट, असत्य वचन का त्याग और तीसरा दूसरों की निंदा

Have something to say? Post your comment
 
More Dharam Karam News
दूरदर्शन पर रामलला का होगा दिव्य दर्शन, हर रोज सुबह 6.30 बजे नित्य आरती का होगा लाइव प्रसारण
श्री गुरु रविदास जयंती पर विशेष
अयोध्या में दर्शन की व्यवस्था खुद देख रहे डीजी प्रशांत कुमार अयोध्या में रामलला के दर्शन को उमड़ा जनसैलाब
गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
प्राण प्रतिष्ठा से पहले बोले CM योगी- सदियों का संकल्प पूर्ण हुआ अयोध्या: आरती के समय 30 कलाकार अलग-अलग भारतीय वाद्य यंत्रों का वादन करेंगे आज बंद हो जाएंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट, विशेष पूजा होगी संपन्न उत्तराखंड: भाई दूज के पर्व पर कल सुबह बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट केदारनाथ धाम: अभी तक 5 महीने में रिकॉर्ड 15 लाख यात्रियों ने किए बाबा केदार के दर्शन