courtey NAV BHARATR TIMES JUNE 24प्रमुख संवाददाता, नई दिल्ली
दालचीनी आपका शुगर कंट्रोल कर सकती है। अब यह स्टडी में भी साबित हो चुका है। इस स्टडी में दालचीनी इस्तेमाल करने वाले लोगों में 34.5 पर्सेंट मेटाबॉलिक सिंड्रोम कम पाया गया। साथ ही गुड कॉलेस्ट्रॉल (HDL) में भी बढ़ोतरी देखी गई। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी दवा गिनी-चुनी है, जिससे गुड कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाया जा सकता है। मगर, दालचीनी से यह संभव है। यह चौंकाने वाले फैक्ट्स हैं। निश्चित रूप से यह हार्ट के मरीजों के लिए भी कारगर साबित होगा।
देश में पहली बार इस प्रकार की स्टडी की गई है, जिसमें रेंडमाइज्ड डबल ब्लाइंड कंट्रोल क्लिनिक ट्रायल किया गया। इसमें 58-58 लोगों का दो ग्रुप बनाकर सभी जरूरी दवा दी गई। एक ग्रुप को दालचीनी दी गई और दूसरे को गेहूं का पाउडर। दोनों ग्रुप में से किसी को यह पता नहीं था कि किसे दालचीनी दी गई है और किसे गेहूं का पाउडर। 4 महीने तक यह स्टडी की गई। दालचीनी वाले ग्रुप को दालचीनी पाउडर के साथ 3 ग्राम का दालचीनी कैप्सूल दी गई। दो-दो कैप्सूल ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बाद लेने के लिए कहा गया। दूसरे ग्रुप को गेहूं पाउडर की दो-दो कैप्सूल दी गई। इस कैप्सूल को तैयार करने में उसी तरह का फ्लेवर यूज किया गया था जो दालचीनी का होता है, ताकि संदेह न हो।
नैशनल डायबेट्स, ओबेसिटी एंड कॉलेस्ट्रॉल फाउंडेशन, इंस्टिट्यूट ऑफ होम इकनॉमिक्स और फोर्टिस-सीडॉक हॉस्पिटल की संयुक्त टीम ने यह स्टडी की। फोर्टिस-सीडॉक के चेयरमैन डॉक्टर अनूप मिश्रा ने बताया कि इस स्टडी का मकसद भारतीय हर्बल और स्पाइस को साबित करना था कि इसमें ऐसे गुण हैं, लेकिन इसे साइंटिफिक तरीके से साबित करने के लिए डबल ब्लाइंड स्टडी की गई। यह स्टडी पूरी तरह से इंडियन बेस्ड है। मरीज और दालचीनी दोनों भारतीय हैं। इस स्टडी को हाल ही में अमेरिकन जर्नल लिपिड्स इन हेल्थ एंड डिजीज में पब्लिश की गई।
डॉक्टर अनूप ने कहा, ‘अब हम दावे के साथ कह सकते हैं कि दालचीनी को हमें अपने फूड में शामिल करना चाहिए, खासकर जो लोग मेटाबॉलिक रिस्क फैक्टर से गुजर रहे हैं। डायबिटीज के मरीज जो बहुत ज्यादा दवा पर निर्भर हैं, उन्हें अपने डॉक्टर की सलाह दालचीनी का इस्तेमाल करना चाहिए। वैसे लोग जिन्हें माइल्ड डायबिटीज है वे अपनी डाइट में रोजाना 6 ग्राम दालचीनी ले सकते हैं।
डीयू की इंस्टिट्यूट ऑफ होम इकनॉमिक्स की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सीमा पुरी ने कहा कि दालचीनी का इस्तेमाल हमारे यहां परंपरा में शामिल है, लेकिन अभी तक यह पता नहीं था कि इसका इतना फायदा हो सकता है। डॉक्टर सोनल गुप्ता ने कहा कि दालचीनी को मशीन में पीसने की बजाय कूट कर इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा। मशीन में यह गर्म हो जाता है, जिससे इसका कम फायदा मिलता है। गर्म सब्जी में या बहुत ज्यादा गर्म चाय की बजाय लस्सी आदि के जरिए सेवन करें तो बेहतर होगा।