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दिल का हाल भी बता सकती है मैमोग्राफी
1454 महिलाओं के मैमोग्राम पर स्टडी की गई
20.8% में ब्रेस्ट आर्टियल कैल्सिफिकेशन पाया गया, जिनमें यह पॉजिटिव था, उन्हें बाद में स्ट्रोक हो गया
मैमोग्राम पर स्टडी•वरिष्ठ संवाददाता, नई दिल्ली
ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए किए जाने वाले मैमोग्राफी टेस्ट से भविष्य में होने वाली दूसरी बीमारी का भी पता लग सकता है। एक स्टडी में इसका खुलासा हुआ है। स्टडी के मुताबिक, मैगोग्राम टेस्ट रेगुलर कराने वाली महिलाओं में भविष्य में होने वाली दिल की बीमारी का भी पता चल सकता है।
ऑब्सटैट्रिक्स एंड गायनेकॉलजी जर्नल में यह स्टडी प्रकाशित की गई है। 1454 महिलाओं के मैमोग्राम पर स्टडी की गई, जिनमें से 20.8 प्रतिशत महिलाओं में ब्रेस्ट आर्टियल कैल्सिफिकेशन पाया गया था। पांच साल बाद उन्हें दिल की बीमारी भी हो गई। डॉक्टर ने कहा कि इस स्टडी की तुलना भी की गई थी। जिन महिलाओं में आर्टियल कैल्सिफिकेशन निगेटिव था, उनमें दिल की बीमारी का खतरा काफी कम था। लेकिन जिनमें यह पॉजिटिव था, उन 58.3 प्रतिशत महिलाओं को बाद में स्ट्रोक भी हो गया।
हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर के. के. अग्रवाल ने बताया कि मैमोग्राम एक ऐसी जांच है, जो कैल्शियम सॉल्ट जमा होने यानी कैल्सिफिकेशन की जांच के लिए किया जाता है। इनका जमाव को जानना बहुत ही जरूरी होता है, क्योंकि कैल्सिफिकेशन शुरुआती कैंसर का संकेत देता है। दिल की बीमारी की जांच करते हुए भी इसी तरह के कैल्सिफिकेशन पर गौर किया जाता है। कैंसर संभावित कैल्सिफिकेशन के साथ ही रेडियोलॉजिस्ट ब्रेस्ट आर्टरीज में जमे हुए संभावित कॉलेस्ट्रल कैल्सिफिकेशन को भी देख सकते हैं। धमनी यानी आर्टरी ब्रेस्ट को उसी तरह पोषण पहुंचाती हैं जैसे यह दिल और दिमाग को पहुंचाती हैं। आर्टरी का कड़ा होना या अथेरोस्क्लेरोसिस ब्रेस्ट में मौजूद आर्टरी को भी उसी तरह प्रभावित कर सकता है जिस तरह हार्ट को प्रभावित करता है।
मैक्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर विवेका कुमार का कहना है कि स्टडी से यह साफ हो गया है कि जो महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की जांच करवा रही हैं, उन्हें अलर्ट रहना चाहिए। जांच करने वाले रेडियोलॉजिस्ट से हार्ट की बीमारी के बारे में भी पूछें। अगर तीन से चार साल पहले हार्ट की बीमारी होने का संकेत मिलता है तो इसे लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर रोका जा सकता है। डॉक्टर अग्रवाल कहते हैं कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्टडी है। ब्रेस्ट कैंसर की जांच करवा रही महिलाओं को बिना ज्यादा खर्च के दिल की बीमारी का पता चल जाएगा। लेकिन यह बात भी ध्यान रखें कि केवल अथेरोस्क्लेरोसिस का पता केवल मेमोग्राम से नहीं लगाया जा सकता, अच्छी तरह से जांच करने के लिए कोरोनरी एंजियोग्राम या कार्डियक कैथेटेराइजेशन करना होता